13 नवंबर 2011

वे लोग 
जानते है
नदी पार करना 
नदी बन जाती है 
सहज सलौनी 
सहलाती है 
सूरज की किरणे
वे एक एक करके 
नदी पार करते गये
मैं रचना करते करते 
रह गया इस पार 
नितांत अकेला  


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