समुद्र मंथन
देखना एक दिन ऐसा भी आयेगा
जब होगा फिर समुद्र मंथन
पर होगा यह मंथन इस बार
देवता और आदमी के बीच .
चाहेंगे देवता फिर अमृत
पर करना होगा संघर्ष उन्हें
आदमी से इस बार .
होगा समुद्र मंथन
देवता - मानुष में
सुधा के लिये
लेकिन निकलेगा हलाहल इस बार
होंगे हतप्रभ मानुष और देवता दोनों
पूछेंगे कहाँ गया अमृत ?
हतप्रभ होगा समंदर का देवता भी
संचित था उसके गर्भ में अमृत
फिर यह हलाहल कैसा ?
की खोज देवताओं ने
तो जाना
यह दुष्कर्म है मानव का .
किया है विषैला समंदर को मानव ने
लगे बरसने अंगारे आँखों से देवताओं के
होने लगी अम्बर से विष -वर्षा
होने लगी अम्बर से विष -वर्षा
पड़ गया खतरे में
सम्पूर्ण मानव जाति का
अस्तित्व !!.
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