सफल वह जो ढल गया परिवेश के साथ बहता हो मौसमी हवाओं के साथ लहरों की गति के साथ बढती भीड़ के साथ वह वह है जो भीड़ है भीड़ का एक पुर्जा है वह जो भेड़ है भीड़ और भेड़ भला क्या अंतर दोनों में चाल एक है दोनों की
सफल वह जो हो जाता देखकर आदमी को उसका अंतरात्मा से उसे क्या ? उसे तो होना है सफल
सफल वह है जो बातूनी है जो चिपका लेता हो हंसी होटों पर उसे देखकर जो उसका मसीहा है